देश को मजबूत करने के लिए सद्भावना की नितांत आवश्यकता है - सतपाल महाराज
मुरादनगर। स्थानीय श्री हंस इंटर कॉलेज के प्रांगण में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित होली महोत्सव कार्यक्रम में अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए सुप्रसिद्ध समाजसेवी व उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज देश को मजबूत करने के लिए सद्भावना की नितांत आवश्यकता है। हमारे देश में जो राष्ट्र विरोधी शक्तियां उभर रहे हैं उनसे हम सभी देशवासियों को संगठित होकर मुकाबला करना है।
सतपाल महाराज ने कहा कि आप सभी लोग होली का पावन पर्व मनाने के लिए सतलोक आश्रम में एकत्रित हुए हैं। होली का पर्व बहुत ही प्राचीन है। यह पर्व हमें बताता है कि अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय होती है। सत्य के मार्ग को जो चलता है उसको अनेक कठिनाइयों का, संघर्षों का सामना करना पड़ता है। जब भी भक्तों पर अनेक कष्ट आए भगवान ने आकर तुरंत उसकी रक्षा की है।
उन्होंने कहा कि सभी धर्म शास्त्रों में उन्नति की बात कही गई है। जब व्यक्ति की आत्मा भौतिक जगत से ऊपर उठ जाती है, वह व्यापक सत्ता से जुड़ जाती है। उसका संसार में आना-जाना सदा के लिए खत्म हो जाता है। उसकी आत्मा मुक्त हो जाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे पानी से बिजली बनती है यदि हम उसी पानी में बिजली प्रवेश कराएं तो एक तरफ ऑक्सीजन और दूसरी तरफ हाइड्रोजन गैस निकलती है। उसी से पानी की बूंद बनती है। यदि हम एक गिलास ठंडा पानी भर कर रख दें। कुछ देर बाद वहीं पानी की छोटी-छोटी बूंदें आपको गिलास के बाहर दिखाई देने लगेगी। व्यक्ति हवा को ठंडा करते हैं और हवा के ठंडा होने से पानी बन जाता है। कर्मयोग शास्त्र गीता में भगवान श्री कृष्ण महाराज अर्जुन को समझाते हैं कि हे अर्जुन! मेरी प्राप्ति न यज्ञ से, न तप से, न व्रत-उपवास से, न तीर्थ से, न ही धर्मशास्त्र के अध्ययन से होती है। मेरी प्राप्ति तो अनन्य भक्ति से होती है। जो किसी अन्य देवी-देवता की भक्ति नहीं, केवल मुझ व्यापक परमात्मा को अनन्य भाव से, समर्पण से आत्मज्ञानी की शरण से ही प्राप्त होती है।
अनेक संगीत कलाकारों द्वारा ज्ञान, भक्ति और वैराग्यपूर्ण सुंदर भजनों की प्रस्तुति की गई। सहयोगी सामाजिक संस्था मानव सेवा दल के सैकड़ों स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं ने कार्यक्रम सेवा कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लिया। यूथ विंग के सैकड़ों युवाओं ने अनेक तरह के सेवा कार्य संभाला।
कार्यक्रम में अमृता रावत, विभु, सुयश, आराध्या, मोहिना आदि के अलावा सैकड़ों लोग उपस्थित थे। मंच संचालन महात्मा हरिसंतोषानंद ने किया।